Kohar Nagil Jjattan gotra sammelan mayyar hisar
सुनील कोहाड़ पत्रकार हरियाणा न्यूज।
किसी भी समाज की नींव भाईचारे पर टिकी हुई होती है। इस भाईचारे को मजबूत और एकता के सूत्र में बांधने के लिए गोत्र की अहम भूमिका होती है और गोत्र के बाद खाप पंचायतें अपनी भूमिका अदा करती हैं। कोहाड़, नांगल और जाट्टान गोत्र भी काफी पुराना गोत्र है जो सभी धर्म और सभी जातियों के साथ-साथ पूरे वर्ल्ड के अलग-अलग देशों में पाया जाता है। लेकिन आपसी तालमेल की वजह से आज के युवा अपने इतिहास से वंचित हो रहे हैं लेकिन हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए युवाओं को हमारे इतिहास से अवगत करवाना होगा तभी आगे आने वाली वीडियो का भाईचारा भी मजबूत हो पाएगा। उक्त शब्द गांव मय्यड़ हिसार स्थित शिव गार्डन ढ़ाबा में 12 अक्टूबर 2025 को आयोजित पहले सम्मेलन को कोहाड़, नागिल और जाट्टान गौत्र के प्रबुद्ध लोगों ने संबोधित करते हुए कहे।

कोहाड़, नांगल और जाट्टान गोत्र के युवाओं ने अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए गांव मय्यड़ के सरपंच विकास कोहाड़ व बुजुर्गों की देखरेख में मुहिम छेड़ दी है और यह मुहिम अपने चरम पर पहुंचकर ही दम भरेगी। युवाओं के जोश के आगे आज का आधुनिक युग भी फीका पड़ता हुआ दिखाई देगा। आज हर कोई भाईचारे से दूर रहकर अपनी जिंदगी बसर कर रहा है। जिसकी वजह से आज के युवा अपने गोत्र के इतिहास सभ्यता और संस्कृति के बारे में भूलते जा रहे हैं। लेकिन कोहाड़, नांगल और जाट्टान गोत्र के युवाओं में ऐसी लक उठे की वह अपने बुजुर्गों की सभ्यता को ताजा करने के लिए कमर कर चुके हैं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यह शुरुआत है जब देश के अलग-अलग हिस्सों में बसे हमारे भाई एक मंथ पर इकट्ठा हुए हैं। भविष्य में हमारी संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ते हुए जल्द ही फिर से भाईचारा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें इस भाईचारे की खाप का मोजिज व्यक्ति का चयन किया जाएगा। जो आगामी रणनीति तैयार करेगा।

कोहाड़ नांगल और जाट्टान गौत्र के सम्मेलन (gotra sammelan ) में वक्ताओं ने कहा कि गोत्र की ख्वाब का चबूतरा होना चाहिए तो गांव सिसाय के विजय कोहाड़, प्रदीप कोडाड़ राजली सहित अलग-अलग गांव से आए लोगों ने खाप के चबूतरे के लिए जमीन और अन्य सहायता देने का ऐलान कर दिया। लेकिन बुद्धिजीवी लोगों ने कहा कि कोई भी कदम उठाने से पहले उसकी गरिमा के लिए हमें कुछ वसूल बनाने होंगे और उनका पालन भी करना होगा। कुछ खापें राजनीति की भेंट चढ़ गई है और अलग-अलग परियों के नेताओं ने उनके अलग-अलग प्रधान बना दिए हैं लेकिन हमें अपनी खाप में ऐसा नहीं होने देना। हम जो संगठन तैयार करेंगे वह राजनीति से दूर होगा और उसका राजनीति से कोई वास्ता नहीं होगा।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार भाईचारे को खत्म करने के लिए लाइव इन रिलेशनशिप और कोर्ट मैरिज को बढ़ावा दे रही है। जो कि समाज और भाईचारे के साथ-साथ देश के लिए बहुत ही घातक है। खाप पंचायतें समय-समय पर सरकार से मांग कर रहे हैं कि सेम गोत्र, गांव और गुहांड में कोई भी युवा लव मैरिज ना कर सके इसके लिए हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन किया जाए। साथ ही शादीशुदा या अविवाहित कोई भी पुरुष महिला लाइव इन रिलेशनशिप में रहकर साफ सुथरा समाज को धूमिल ना करें इसके लिए लाइव इन रिलेशनशिप कुंभ गैरकानूनी करना चाहिए। तभी एक सशक्त और सभ्य समाज और विकसित भारत का का निर्माण संभव है।
gotra sammelan mayyar में वक्ताओं ने कहा कि आजकल लड़के लड़कियां इतिहास का ज्ञान नहीं होने के कारण लव इन के चक्कर में पड़कर अपनी मर्यादा और अपने पूर्वजों के भाईचारे को ठेस पहुंचा रहे हैं जो कि गलत है। हमारे पूर्वजों ने जो भाईचारे की मिसाल कायम की थी और जो इसके नियम कायदे बनाए थे उन्हें नियम कायदों को आज की विज्ञान भी मानने लगी है। अगर हम इन नियमों को अनदेखा कर आगे बढ़ेंगे तो उसका खामिया जाना पूरे समाज को उठाना पड़ता है। इसलिए हमें कोई भी रिश्ता बनाने से पहले अपने भाईचारे और अपने इतिहास का ज्ञान होना जरूरी है। हमारे कोहाड़, नांगल और जाट्टान गोत्र की उत्पत्ति राजस्थान के कुहाड़वास गांव से हुई थी। उसके बाद हमारे गोत्र के लोग अलग-अलग राज्यों जिलों और देश में जाकर बसने लगे। वक्ताओं ने कहा कोहाड़, नागिल और जाट्टान यह तीनों आपस में भाई हैं और यह तीनों एक ही आप की औलाद हैं। ऐसे में हमें इन गोत्रों में कोई भी रिश्ता बनाने से पहले ध्यान रखना चाहिए ताकि हमारे भाईचारे को ठेस न पहुंचे।
सम्मेलन में पहुंचे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आज पुराना दूर नहीं है बल्कि आधुनिक आ चुका है। हमारे बच्चे खेती तक सीमित ना रहे बल्कि पढ़ लिखकर ऊंच पदों पर विवराज मन हो सके इसके लिए हमें काम करना होगा। वो उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें इसके लिए हमें उनके शिक्षा के सत्र को ऊंचा उठने के लिए लाइब्रेरी और शिक्षण संस्थान ऑन के निर्माण की तरफ ध्यान देना चाहिए। ताकि किसान की आवाज उनके बेटे पढ़ लिखकर जमीन से लेकर विश्व पटल पर उठा सकें। आज खेती घाटे का सौदा इसलिए बनाई हुई है क्योंकि किसान की आवाज को ऊपर तक उठाने वाला और उनकी समस्या को समझने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा गोत्र सदियों से खेती-बाड़ी के धंधे से जुड़ा हुआ है और हमारे इस धंधे से 36 बिरादरी के लोगों का चूल्हा जलता है। उन्होंने कहा कि कोई भी ठोस निर्णय लेने से पहले उसकी गहराई में जाकर ही आगे का फैसला लेना चाहिए और हमारी खाप के लोगों को भी जल्दबाजी में ऐसा निर्णय नहीं लेना चाहिए जिससे आने वाले समय में दिक्कत हो।
इस सम्मेलन में हिसार जिले के गांव मय्यड़, राजपुरा, सिसाय, भकलाना, राजली, जींद जिले के गांव उदयपुर, सुरबरा, भिवानी जिले के गांव थिलोड़, सरल, डाडम, बडेसरा, विनोद, सोनीपत जिले के गांव बड़वासनी, छछरौली, धनाना, चिट्टाना, पंजाब, दिल्ली, यूपी और राजस्थान सहित देश के कौने-कौने से आए मौजिज लोगों ने अपने विचार रखे।
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हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सहित देश विदेश में बसे गौत्र के लोगों के मोबाइल नंबर जल्द ही इसी न्यूज में नीचे उपलब्ध कराए जाएंगे
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