There is flood of illegal encroachments on the Municipal Council land worth crores
जींद शहर में नगर परिषद और हुडा विभाग की करोड़ों की जमीन पर लोग कुंडली मारे बैठे हैं और दोनों विभागों के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। रानी तालाब के पास गुरुद्वारे के साथ लगती नगर परिषद की करोड़ों रुपए की जमीन पर अवैध कब्जे है। इसके अलावा इसके सामने की दीवानखाना मार्केट में अवैध अतिक्रमण के मामले की शिकायत फिर से दुकानदारों ने सीएम को की है।
नगर परिषद ने कुछ महीने पहले नगर परिषद की खाली पड़ी जमीन पर पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी। उस समय काम शुरू हो गया था और इसका श्रेय लेने के लिए डिप्टी स्पीकर, नगर परिषद के चेयरपर्सन प्रतिनिधि ने यहां दौरा किया था। उस समय लोगों को लगा था कि पार्किंग के बाहर सड़क किनारे दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण हट जाएगा, लेकिन अब तक पार्किंग शुरू नहीं हो पाई है। यहां पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से खोखे रखकर अवैध दुकानदारी शुरू की है, लेकिन नगर परिषद प्रशासन इस मामले में कुछ नहीं कर रहा है। अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर नगर परिषद के ईओ ऋषिकेश चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक्सईएन ही बता सकते हैं, लेकिन ईओ को यह कौन बताए कि अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी उनकी है, न कि एक्सईएन की।
दीवानखाना मार्केट में अतिक्रमण की शिकायत सीएम को
दीवानखाना मार्केट में अवैध रूप से रखे गए तख्त और अन्य अतिक्रमण की शिकायत यहां के दुकानदारों ने सीएम. से की है। दुकानदारों का कहना है कि यदि हुडा प्रशासन को यहां पर अवैध दुकानदारी चलानी ही थी तो उन्हें लाखों रुपए में क्यों दुकानें अलाट की हुई हैं।
इससे अच्छा तो यहां खोखे रखकर काम चलाया जा सकता था। बता दें कि यह वही मार्केट है, जिसमें पिछले दिनों डिप्टी स्पीकर ने हुडा विभाग के एसडीओ को लोगों के बीच ले जाकर खूब खरीखोटी सुनाई थी और बाद में डिप्टी स्पीकर ने यहां पर फड़ लगाने वालों को राशन और कुछ पैसे भी दिए थे।
दुकानदार बिजेंद्र नायडू समेत कई दुकानदारों ने इस मामले की शिकायत सीएम को शिकायत की है। दुकानदारों को उम्मीद है कि मार्केट में चल रही अवैध दुकानदारी जरूर हटेगी।
जींद शहर के बाजार अतिक्रमण की चपेट में
नगर परिषद अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहर के बाजार भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। शहर के प्रत्येक मार्ग पर दुकानदारों ने सड़क तक सामान रखकर लोगों को परेशान करके रख दिया है। मजबूरी में लोगों को सड़क पर चलना पड़ रहा है, जिससे हादसे होने का खतरा बन रहा है।
अतिक्रमण हटाने के आदेश हर बार बैठक में डीसी नगर परिषद के अधिकारियों को आदेश देते हैं, लेकिन उनकी कुंभकर्णी नींद टूट नहीं पा रही है। नगर परिषद कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी से ही अतिक्रमण शुरू हो जाता है। जब अधिकारियों के पास का अतिक्रमण नहीं हट रहा है तो दूसरी जगह पर तो अतिक्रमण हटने की उम्मीद ही बेमानी है।
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